Ayurveda for wellness Tridax Procumbensघमरा के उपयोग ,मेनोरेजिया, ज़िट्स का इलाज

 

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घमरा

घमरा एक प्राकृतिक औषधि है, जो सदियों से ग्रामीण इलाकों में घावों के उपचार में उपयोग की जा रही है इसके औषधीय गुण है घावों और संक्रमण के इलाज में प्रभावी बनाते हैं,

आयुर्वेद में घमरा का पौधा पारंपरिक रूप से किया जाता है।

Tridax Procumbens

घमरा नियमित रूप से इस्तेमाल करने से आपकी इम्यूनिटी बढ़ सकती है। घमरा के एथनॉलिक अर्क में इम्यूनोस्टिमुलेटरी गुण पाया जाता है अगर आप अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाना चाहते हैं, तो घमरा से तैयार अर्क का इस्तेमाल जरूर करें इसके औषधीय गुण रक्तस्त्राव को कम करने में असरदार होते हैं। अगर आपको किसी तरह की चोट या फिर जख्म है, या  जलने से होने वाले  घाव और सफेद दाग पर तो घमरा का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको घमरा के पौधों से रस निकालकर सीधा घाव पर लगाना है। इसमें घाव को ठीक करने की प्रक्रिया काफी तेज होती

आयुर्वेद और यूनानी में इसका इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है।इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से जरूरी सलाह ले

घमरा को ट्राइडेक्स प्रोकम्बेन्स ( Tridax Procumbens ) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक बारहमासी खरपतवार है, जिसका प्रयोग जड़ीबूटी के रूप में किया जाता है। इसके फूल पीले या सफ़ेद रंग के होते हैं। इसके पौधे का प्रयोग प्राचीनकाल से ही औषधी के रूप में किया जाता है। घमरा के पौधे में अल्कलॉइड, स्टेरॉइड, कैरोटिनॉइड, फ्लेवोनोइड्स जैसेकैटेचिन, सेंटाओरीन और बेरेगेन्स आदि होते हैं। इसका पौधा पथरीली जमीन पर आसानी से उगता है।

घमरा को विभिन्न भाषाओं में अलगअलग नामों से जाना जाता है।

अंग्रेजी   –  कोटबुटन ( Coatbuttons )

संस्कृत   –  जयन्ती वेदा ( Jayanti veda )

हिंदी      –  घमरा  ( Ghamara )

बंगाली   –  त्रिधारा ( Tridhara )

इसे पीले फुल की रुखड़ी या छोटी रुखड़ी भी कहते है |

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घमरा के फायदे

घमरा को प्राचीनकाल से ही जड़ीबूटी के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग सूजन को कम करने में, घावों के उपचार में तथा अन्य संक्रमण रोगों को दूर करने में किया जाता है। घमरा का तेल या लेप इन रोगों में प्रयोग किया जाता है।

            सूजन को कम करने में –

घमरा की पत्तियों का रस या इसके तेल का प्रयोग सूजन को कम करने में किया जाता है। इसका प्रयोग फोड़ेफुंसी या कटेजले के उपचार में भी लाभदायक होता है। इस औषधी का

इस्तेमाल आप शरीर में होने वाले सूजन को कम करने के लिए भी कर सकते हैं। इसमें मौजूद सूजनरोधी गुण शरीर की चोट, सूजन, कब्ज और दर्द को दूर करने में असरकारी है। यह एक तरह का खरपतवार है। लेकिन इसमें कई औषधीय गुण छिपे होते हैं। घमरा का पौधा हमारी कई बीमारियों को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। इसका इस्तेमाल करने से शरीर के घाव, सूजन और संक्रमण को दूर किया जा सकता है।

कब्ज को दूर करने में –

            कब्ज को दूर करने में भी घमरा का प्रयोग किया जाता है।

            कैंसर के उपचार में –

घमरा में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर की कोशिकाओं को कैंसर की कोशिकाओं से बचाने में मदद करती हैं। इसका प्रयोग फेंफड़ों के कैंसर में लाभदाय होता है। इससे स्किन पर मौजूद संक्रमण को भी दूरघमरा की पत्तियों में मौजूद तेल कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। अगर आप इसका इस्तेमाल नियमित रूप से करते हैं, तो यह फेफड़ों के कैंसर का विकास कम करता है। इसमें मौजूद एंटऑक्सीडेंट शरीर को कैंसर की कोशिकाओं से बचाव कर सकता है।

            गठिया के रोग में –

गठिया के रोग में घमरा के तेल की नियमित मालिश करने से इसके दर्द में आराम मिलता है या इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर लेप करने से इसके दर्द में आराम मिलता है। गठिया से प्रभावित स्थान पर घमरा के तेल से मालिश करने से गठिया की परेशानी से राहत मिल सकता है। घमरा में मौजूद घटक कोशिकाओं को आराम दिलाने में मददगार होता है।  घमरा के रस के इस्तेमाल से घाव को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह एक पारंपरिक तरीका है।।  गठिया मरीजों को दर्द और सूजन की समस्या काफी ज्यादा देखने को मिलती है। यह दर्द बहुत ही कष्टदायक होता है। इस बीमारी को अर्थराइटिस रोगियों को जोड़ों में दर्द और सूजन काफी ज्यादा होती है। शरीर की इन समस्याओं को दूर करने के लिए आप घमरा का इस्तेमाल कर सकते है|

            घाव को भरने में –

घमरा में उपस्थित औषधीय गुण घाव को भरने तथा रक्तस्त्राव को रोकने में मदद करते हैं। इसकी पत्तियों के रस या पेस्ट को सीधे घाव पर लगाने से रक्तस्त्राव बंद हो जाता है।

            डायबिटीज के उपचार में –

घमरा में उपस्थित एंटीडायबिटिक गुण डायबिटीज को कम करने में मदद करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार घमरा के अर्क का कुछ दिनों तक नियमित सेवन करने से डायबिटीज के रोग को कम करने में मदद मिलती है। घमरा का अर्क डायबिटीज रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसके पौधों में एंटी-डायबिटीक गुण मौजूद होता है। डॉक्टर बताते हैं कि अगर आप नियमित रूप से इसका सेवन करते हैं, तो रक्त में मौजूद शुगर लेवल को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके अलावा यह इंसुलिन के उत्पादन को भी बढ़ावा देता है।

अगर आपको डायबिटीज की समस्या है, तो घमरा के अर्क का सेघमरा कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है।https://www.ayurvedahome.co.in/2023/10/Diabetes-symptoms-and-causes.html


ब्लडप्रेशर में –

हैहाई ब्लड प्रेशर रोगियों के लिए भी घमरा काफी फायदेमंद हो सकता है। इसका इस्तेमाल आप ब्लड प्रेशर में होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए कर सकता हैं। ब्लड प्रेशर रोगियों को इसके अर्क का सेवन करना चाहिए। इससे उनकी कई समस्याओं को कम किया जा सकता है।

लिवर में डिटॉक्सिफिकेशन(liver detoxification)

दरअसल, हमारे शरीर के लिवर में डिटॉक्सिफिकेशन मैकेनिज् में एंजाइम होते हैं। जब शरीर में किसी भी प्रकार की विषाक्तता होती है, जो उस दौरान एंजाइम को रक्त में प्रवाहित किया जाता है। घमरा का इस्तेमाल आप इन एंजाइम को उत्तेजित करने में कर सकते हैं। इसके अलावा घमरा इन एंजाइम को बढ़ावा देते हैं। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि घमरा एक आयुर्वेदिक औषधिय जड़ी-बूटी है, जिससे शरीर की कई समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है।

घमरा के इस्तेमाल से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को निकाला जा सकता है।आप इन सभी समस्याओं से बचाव के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं|

चेहरे की झुरिया मुहांसे (Acne) फुंसियां (Pimples) के लिए –

"ज़िट्स" या "ब्रेकआउट" के लिए इसकी पतितो का रस पीना कारगार होता है |सुबह खाली पेट एक सप्ताह इसका रस कितनी पुरानी जिंट्स पिंपल्स को ठीक कर देता है |क्योकि पेट ,पित गर्मी को दूर करने का यह रामबाण उपाय है |

शरीर की गर्मी को दूर करने के लिए –

जिन लोगो को ज्यादा पसीना आता है या पेट में गर्मी महसूस होती है उनको घमरा की कच्ची पत्तियों का रस सुबह मिश्री के पानी के साथ पीना चाहिए |महिलाओ में जिनमे मासिकधर्म में अधिक रक्तश्राव मेनोरेजिया (Menorrhagia) होता है  उनके लिए यह बहुत कारगार औषधि है

घमरा के नुकसान

घमरा का अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

            किसी भी प्रकार की एलर्जी होने पर इसका सेवन डॉक्टरी परामर्श से ही करें।

            अधिक मात्रा में इसके अर्क का सेवन करने से उल्टी की समस्या हो सकती है।

            गर्भवती महिलायें तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

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