NATIONAL AYURVEDA DAY( राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस )
आयुर्वेद के जनक हैं भगवान धन्वन्तरि इसलिए इनके जन्मदिवस की आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता है आयुर्वेद दिवस की रोमन केलेंडर के अनुसार कोई तारीख निश्चित नही है हिंदी पंचांग के अनुसार हर वर्ष को कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी (धनतेरस )को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन ही भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था। इसे धन्वन्तरी जयंती के रूप में भी मनाया जाता है
भारत में वर्ष 2016 से NATIONAL AYURVED DAY की भारत सरकार ने शुरुआत की जो की 28 अक्टूबर 2016 को फर्स्ट नेशनल आयुर्वेद दिवस मनाया गया जिसकी थीम “Har Ghar Har Din Ayurveda थी हर घर हर दिन आयुर्वेद
भारत में आयुष मंत्रालय आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद
दिवस मनाने के लिए प्रोत्शाहित किया इस बार 11 नवम्बर 2023 को 8 वा राष्ट्रिय
आयुर्वेद दिवस मनाया जायेगा अब इसे पुरे विश्व में मनाया जाने लगा है तो अब यह WORLD AYURVED DAY या INTERNATIONAL AYURVED DAY के रूप
में सेलिब्रेट किया जाता है ईएसआई के आधार पर विश्व मने यह मन लिया है की चिकित्सा
पद्धति विश्व की भारत की ही दें है क्योकि वैदिक काल से ही भारत में औषधि जड़ी
बूटियों को उपयोग किया जाता रहा है अगर वेदोंके अनुसार देखा जाये तो सतयुग में
भगवान राम के समय हनुमान जी ने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण को मूर्छित अवस्था से बचाया
था तो यह रामायण ,बाइबल ,कुरान में भी इनका इतिहास मिलता है


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